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कुछ तीखा हो जाए

Humanity Speaks
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भारत में मिठाई का बहुत महत्व है। असल में मिठाई को हमारे देश में खुशी से जोड़ कर देखा जाता है। कोई भी शुभ अवसर हो या भजन पूजन का माहौल, मिष्ठान के बिना सब अधूरा सा हो जाता है। परन्तु क्या आप जानते हैं कि मिठाई का विलोम भी अपने आप में विशिष्ट है। मीठा तो मीठा, हमारा देश तीखे के मामले में भी नम्बर वन है। दुनियाँ की सबसे तीखी मिर्च नागा झोलकिया हमारे यहाँ उगाई जाती है। ऐसा कहा जाता है कि यदि आप इस मिर्च को मसलकर दीवार पर रगड़ दें तो यह आपकी दीवार का प्लास्टिक पेंट तक उखाड़ देती है।

मिर्च स्वास्थ्य के नज़रिए से भी अपने आप में महत्वपूर्ण है। डाक्टरों का कहना है कि हरी मिर्च में क्यूरसेटिन नामक एक ऐसा तत्व होता है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। लोग अक्सर ऐसा कहते हैं कि मिर्च खाने से हकलाने की समस्या का निवारण सम्भव है, परन्तु यह एक मिथक है। ज्यादा तीखा खाने से पेट का अल्सर, गैस और अपच जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। जिस तरह ज्यादा मिठाई खाने से शुगर, डायबटीज़ जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं ठीक उसी प्रकार ज्यादा तीखा खाना भी स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद नहीं है।

मिर्च के तीखे गुण के कारण ही नज़र उतारने में और टोने टोटकों में इसका प्रयोग किया जाता है। इसके पीछे का कोई वैज्ञानिक पहलू तो अभी तक साफ नहीं हो सका है किन्तु भारत के लोगों में ऐसी मान्यता है कि घर के दरवाजे पर नींबू मिर्ची लटकाने से घर में बुरी शक्तियाँ प्रवेश नहीं करतीं। शिक्षित, अशिक्षित एंव अल्प शिक्षित वर्ग के लोग भी इस बात में यकीन रखते हैं।

हमारे यहाँ भोजन में इसका जम कर प्रयोग होता है। किसी भी अन्य देश के मुकाबले भारत का खाना कहीं ज्यादा मसालेदार और तीखा होता है। भारत में कोई भी सब्जी बिना मिर्ची के तैयार नहीं होती। ज्यादातर व्रतों में भी मिर्ची का सेवन करने की अनुमति है। अतः लोग जम कर इसका सेवन करते हैं। यह किसी भी भोजन में नई जान डाल देती है। हमारे यहाँ मिर्च की इतनी ज्यादा किस्में हैं कि हम प्रत्येक व्यंजन में अलग किस्म की मिर्च उपयोग करके अलग तरह का तीखापन प्राप्त कर सकते हैं। हालाँकि कई लोग तीखी चीजें खाने से कतराते हैं परन्तु यकीन जानिए कि यह आपके स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं।

इसके अलावा क्या आप जानते हैं कि मिर्च लगने की स्थिति में ठण्डा दूध पीना इसका सबसे सटीक उपचार है। दूध किसी भी अन्य तरल के मुकाबले सबसे जल्दी जीभ की स्वाद ग्रंथियों को ढक लेता है जिससे तीखा लगना बन्द हो जाता है। मिर्च का तीखा वाला गुण उसके मध्य में रहने वाले उसके बीजों में नहीं बल्कि मिर्च की नसों में होता है। अतः यदि आप बाज़ार में ज्यादा तीखे मिर्च खरीदने जाते हैं तो इस बात का ख्याल रखें कि सबसे ज्यादा नसों वाली मिर्च सबसे ज्यादा तीखी होगी।

यह बात सही है कि मिठाई हमारे देश में हर जगह महत्वपूर्ण है, किन्तु तीखे मिर्च के भी अपने विशिष्ट गुण विद्यमान हैं। यह हमारे पाक शाष्त्र में पिछले कई सौ सालों से शामिल है। और फिर वैसे भी मीठे का मज़ा भी तभी है जब कुछ तीखा खाया हो।

By: पुनीत पाराशर

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